हे मां अब तो आ जाओ अनाथ होने से हमें बचाओ। हे मां अब तो आ जाओ अनाथ होने से हमें बचाओ।
कभी इस घर में भी हुआ करती थी उजालों भरी सुबह कभी इस घर में भी हुआ करती थी उजालों भरी सुबह
ख्वाइश मेरी बस इतनी तू जाना कहीं नहीं क्युकी तेरे होने की मुझको आदत है माँ। ख्वाइश मेरी बस इतनी तू जाना कहीं नहीं क्युकी तेरे होने की मुझको आदत है माँ।